Lata Mangeshkar
Tumse Dur Rehke
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
हमने जाना प्यार क्या हैं
दिल ने माना यार क्या हैं
तुम से दूर रह के
तुमको पाके ना पहलू में लगता था यूँ
जीते हैं किस लिए और जिंदा हैं क्यों?
हम भी रहते थे बेचैन से हरघडी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
बिन तुम्हारे तो वीरान थी ज़िन्दगी
तुम से दूर रह के
तुम से दूर रह के
दूरियाँ किस लिये, मिल गये हैं जो हम
अब तो होने दो अरमान पूरे सनम
वक़्त आनेपर मीट जायेंगी दूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
जब न होंगी ज़माने की मजबूरियाँ
तुम से दूर रह के
तुम से दूर