Lata Mangeshkar
Mujhe Kuchh Kahna Hai
मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम तुम तुम
तुम तुम तुम तुम तुम
देखो जिस तरह लखनऊ
के दो नवाबों की गाडी
पहले आप पहले आप पहले आप
पहले आप करते निकल गयी थी
उस तरह हमारी पहले
तुम पहले तुम पहले तुम
पहले तुम में यह मस्ती
भरी रूत न चली जाए
अच्छा मैं कहती हूँ
हम अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से सोल्वे साल में
जो कहती है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़का इस हाल में
किसी लड़की से सोल्वे साल में
जो कहता है वो मुझे कहना है
अक्सर कोई लड़की
हाँ अक्सर कोई लड़का
हाँ हाँ अक्सर कोई
लड़की इस हाल में
न आँखों में
नींद न दिल में क़रार
यही इंतज़ार यही इंतज़ार
तेरे बिना कुछ भी
अच्छा नहीं लगता
सब झूठा लगता है
सच्चा नहीं लगता
न घर में लगे दिल
न बाहर कहीं पर
बैठी हूँ कहीं पर
खोयी हूँ कहीं पर
अरे कुछ न कहूँ चुप रहूँ
मैं नहीं नहीं नहीं
नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है
मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम
मुझे रात दिन नहीं और काम
कभी तेरी याद कभी तेरा नाम
सब रंग दुनिया के
फीके लगते हैं
एक तेरे बोल बस
मीठे लगते हैं
लिखे है बस तेरे
सजदे इस ज़मीन पर
ज़िंदा हूँ मैं तेरी
बस हाँ पर नहीं पर
अरे कुछ न कहूँ चुप रहूँ
मैं नहीं नहीं नहीं
नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है
मुझे कुछ कहना है
मुझे भी कुछ कहना है
पहले तुम पहले तुम
पहले तुम पहले तुम
तुम तुम तुम तुम
मिले हमको फूल के कांटे मिले
वहां जा बसे वहां जा रहे
तुझे मिलने में जहाँ डर न हो कोई
पिया के सिवाय दूजे घर न हो कोई
क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीन पर
रहने दे बात को यहाँ पर यहीं पर
अरे कुछ न कहूँ चुप रहूँ
मैं नहीं नहीं नहीं
नहीं नहीं नहीं पर
अब मुश्किल चुप रहना है
हम अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से सोल्वे साल में
जो कहती
जो कहता है वो मुझे
कहना है अक्सर कोई लड़की
हो अक्सर कोई लड़का
ो अक्सर कोई लड़की इस हाल में