Lata Mangeshkar
Nagari Nagari Dware Dware
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
पिया पिया रटते रटते
हो गयी रे बावरिया
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
बेदर्दी बालम ने मोहे
फूंका ग़म की आग में
फूंका ग़म की आग में
बिरहा की चिंगारी भर
दो दुखिया के सुहाग में
दुखिया के सुहाग में
पल पल मानवा रोए
छलके नैनो की गगरिया
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
आई थी अँखियो में लेकर
सपने क्या क्या प्यार के
सपने क्या क्या प्यार के
जाती हूँ दो आँसू लेकर
आशाये सब हार के
आशाये सब हार के
दुनिया के मेले में लुट
गयी जीवन की गठरिया
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
दर्शन के दो भूखे
नैना जीवन भर न सोएगे
जीवन भर न सोएगे
बिछड़े साजन तुम्हारे
कारण रातो को हम रोएगे
रातो को हम रोएगे
अब न जाने रामा
कैसे बीतेगी उमरिया
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
ढूंढूं रे सांवरिया
पिया पिया रटते रटते
हो गयी रे बावरिया