Lata Mangeshkar
Mujhse Mat Poochh
दिल की लगी है क्या, ये कभी दिल लगा के देख
आँसू बहा के देख, कभी मुस्करा के देख
परवाना जल रहा है, मगर जल रहा है क्यूँ?
परवाना जल रहा है, मगर जल रहा है क्यूँ?
ये राज़ जानना है तो ख़ुद को जला के देख
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
एक शोला है, जो सीने में छुपा रखा है
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
मुझसे मत पूछ
दाग़-ए-दिल, दाग़-ए-जिगर, दाग़-ए-तमन्ना लेकर
दाग़-ए-दिल, दाग़-ए-जिगर, दाग़-ए-तमन्ना लेकर
मैंने वीरान बहारों को सजा रखा हैं
मैंने वीरान बहारों को सजा रखा हैं
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
मुझसे मत पूछ
है ज़माना जिसे बेताब मिटाने के लिए
है ज़माना जिसे बेताब मिटाने के लिए
मैंने उस याद को सीने से लगा रखा है
मैंने उस याद को सीने से लगा रखा है
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
मुझसे मत पूछ
देखने वाले
देखने वाले, मुझे दर्द-ए-मोहब्बत की क़सम
देखने वाले, मुझे दर्द-ए-मोहब्बत की क़सम
मैंने इस दर्द में दुनिया को भुला रख है
मैंने इस दर्द में दुनिया को भुला रख है
मुझसे मत पूछ, मेरे इश्क़ में क्या रखा है
मुझसे मत पूछ