Lata Mangeshkar
Yun Hasraton Ke Dagh (From ”Adalat”)
यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़...
घर से चले थे हम तो ख़ुशी की तलाश में
घर से चले थे हम तो ख़ुशी की तलाश में
ख़ुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे, वही साथ हो लिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़...
मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
हाँ, फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी से काँटों में तौलिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़...
होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
ज़माने ने ये कहा
ये चुप सी क्यूँ लगी है? अजी, कुछ तो बोलिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़ मोहब्बत में धो लिए
ख़ुद दिल से दिल की बात कही और रो लिए
यूँ हसरतों के दाग़...