Rahat Fateh Ali Khan
Sahiba Russ Gayiya
नैन नैन से कुछ ना बोलेय
रैना ना दरवाज़ा खोले
छुप छुप के क्यूँ रोये मन्न की मैन
प्यार नी होता माशे-तोले
सबसे वख्रे इसके छोले
अड जाये फिर ना मानने कहना

जा नहीं बोल्ना
मैं नही बोलना
जा नहीं बोलना जा
जा नहीं बोलना...

तनु कोई ख़बर नही मिर्ज़ा
कोई जोड़ खुल गया है दिल दा
हत्तं चो इश्के दी मेहंद
थोड़ी छुट गयीआ।

साहिबा रुस गयीया, रुस गयियां
साहिबा रुस गयियां

क्या है पाया
किस जगह पे प्यार मुझको लेके आया
दिल मेरा वांग जोगिय रुल्या
मुझको तो अपना नाम ही भुल्या
फिर भी राज़-एईश ना खुल्या
की करान, की करान
चार दिना दी जिन्दडी
दो दिन जी के रुक गयियां
साहिबा रुस गयीया, रुस गयियां
साहिबा रुस गयियां

मानने ते मन्न जवाँ
पर दिल चन्द्रे नु
चन्ना दस्स किवें सम्झवां
पर दिल चन्द्रे नु
चन्ना दस्स किवें सम्झवां

साहिबा रुस गयियां, रुस गयियां
साहिबा रुस गयियां